देहरादून: उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर फंसे ट्रेकर्स के लिए चलाया गया रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन पूरा हो गया है. आज गुरुवार को एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम बाकी चार ट्रेकर्स के शव लेकर भटवाड़ी पहुंची. इससे पहले बुधवार को वायु सेना ने 5 शव बरामद कर लिए थे. 13 ट्रेकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है. सभी लोग कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रहने वाले हैं. रेस्क्यू किए गए लोगों में केवल एक महिला पुणे महाराष्ट्र की रहने वाली है. आज सभी मृतकों को मातली हेलीपेड से सेना के MI-17 हेलीकॉप्टर के जरिए जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल लाया गया.
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami tweets, “The news of the death of 9 trekkers in an accident caused by bad weather on Sahastratal track is very sad. The administration has rescued 13 trekkers safely by conducting a rescue operation and the ongoing operation is being conducted… pic.twitter.com/oxf3TUyXpT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 6, 2024
सहस्त्रताल ट्रेक पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा: उत्तरकाशी में स्थित सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर फंसे सभी 9 ट्रेकर्स के शव एसडीआरएफ और वायु सेना की मदद से ढूंढकर उत्तरकाशी पहुंचा दिए गये हैं. बुधवार को 5 बॉडी वायु सेना ने रिकवर कर ली थीं. लेकिन दोपहर बाद तेज बारिश और विजिबिलिटी कम होने की वजह से ऑपरेशन को रोक दिया गया था. हालांकि, ग्राउंड पर रेस्क्यू टीम के सकुशल उतारने के बाद यह ऑपरेशन आज सुबह दोबारा शुरू हुआ. कुछ ही घंटों के भीतर बाकी चार शवों को ढूंढ लिया गया.
9 लोगों ने गंवाई जान, 13 लोग सुरक्षित रेस्क्यू: एसडीआरएफ ने इस ऑपरेशन की समाप्ति की बात कही है. 4 जून को इस हादसे का प्रशासन को पता लगा था और उसी दिन शाम से रेस्क्यू टीम रवाना कर दी गई थी. 5 जून की सुबह से ही वायु सेना के साथ मिलकर एसडीआरएफ ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था. 5 जून को 5 शव और 11 सुरक्षित लोगों को बाहर निकाला था. लेकिन अभी भी तलाश उन लोगों की थी जो फंसे हुए थे. जिसके बाद 6 जून सुबह अन्य 4 शवों को भी निकाल लिया गया.
एसडीआरएफ कमांडेंट ने बताया कि ये रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद विकट हालात में किया गया था. एसडीआरएफ को जैसे ही सूचना मिली वैसे ही रेस्क्यू के सभी प्रयास शुरू कर दिए गए थे. बुधवार 5 जून को टीम ने 11 लोगों को सुरक्षित निकाला था. सुरक्षित निकाले गए लोगों में निम्न शामिल हैं.
सहस्त्रताल ट्रेक से सुरक्षित रेस्क्यू लोग-
जय प्रकाश वीएस उम्र- 61 वर्ष, निवासी गिरि नगर बेंगलुरु.
भरत वी, उम्र-53 वर्ष, निवासी हम्पी नगर बेंगलुरु.
अनिल भटा, उम्र-52, निवासी जोप नगर बेंगलुरु.
मधु किरन रेड्डी, उम्र-52, निवासी बेंगलुरु.
शीना लक्ष्मी, उम्र-48, निवासी केआर पुरम बेगलुरु.
शौम्या के, उम्र-31 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
शिवा ज्योति, उम्र-45, निवासी एचएसआर बेंगलुरु.
स्मूर्ति प्रकाश डोलास, उम्र-45, निवासी पुणे, महाराष्ट्र.
विनायक एमके, उम्र-47, निवासी प्रीस्टीज सिटी, बेंगलुरु.
श्रीरामल्लु सुधाकर, उम्र-64, निवासी एसआरके नगर बेंगलुरु.
विवेक श्रीधर, उम्र- 37 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
बाकी दो ट्रैकर्स को पैदल सिल्ला गांव पहुंचाया गया था, ये दोनों भी उत्तरकाशी से निकल चुके हैं-
नवीन ए, 40 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
ऋतिका, 37 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
सहस्त्रताल ट्रेक के मृतकों के नाम-
आशा सुधाकर उम्र- 71 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
सिन्धु, उम्र- 45 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
सुजाता उम्र- 51 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
विनायक, उम्र- 54 वर्ष, निवासी बेंगलुरु, साउथ कर्नाटक.
चित्रा परिणीथ, उम्र- 48 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
वेंकटेश, निवासी बेंगलुरु (6 जून गुरुवार को रेस्क्यू).
पदनाध कुण्डपुर कृष्णामूर्ति, निवासी बेंगलुरु (6 जून गुरुवार को रेस्क्यू).
अनीता रंगप्पा, निवासी बेंगलुरु (6 जून गुरुवार को रेस्क्यू).
पद्मिनी हेगड़े, निवासी बेंगलुरु (6 जून गुरुवार को रेस्क्यू).
गौर हो कि, ये सभी लोग 29 मई से उत्तरकाशी के कठिन सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर गए थे. वहां कठिन परिस्थितियों में धुंध में रास्ता भटक गए थे. तीन दिन तक इन ट्रेकर्स के रेस्क्यू के लिए ऑपरेशन चलाया गया. वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू अभियान में लगाए गए थे. ट्रेकिंग दल में 2 स्थानीय लोग भी पोर्टर के रूप में शामिल थे. इनमें 21 कर्नाटक और 1 महाराष्ट्र के ट्रेकर थे.
सीएम धामी ने जताया दुख: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सहस्त्रताल ट्रेक हादसे पर दुख जताया है. उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा- सहस्त्रताल ट्रेक पर खराब मौसम के कारण हुए हादसे में 9 ट्रेकर्स की मृत्यु की खबर बेहद दुःखद है. प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 13 ट्रेकर्स को सुरक्षित बचा लिया है. अन्य लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और वायुसेना की मदद से ऑपरेशन जारी है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिवारों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें तथा फंसे हुए ट्रेकर्स की शीघ्र व सुरक्षित रिहाई की प्रार्थना करें.